Rakesh Kashyap Rajput (कश्यप - शायर नाकाम)
1:-उम्र भले छोटी है, पर बड़े जज्बात रखता हूं।
चीख के फायदा नही, कलम से बात रखता हूं।©
2:-तुम हर लिवाज में जानम कमाल लगती हो।
जब खुली हो जुल्फें तो बेमिसाल लगती हो।
ज्यादा नही बस आंखों में काजल के बाद ही।
मेरी जान तुम रंगों में रंग, लाल लगती हो।©
3:-पहले भी कई गुज़रे है, उस डगर पर निकला हूँ।
मेरे दोस्त मैं मोहब्बत के सफर पर निकला हूँ।©
गर अच्छा लगे तो Follow करें।
20 साल की उम्र में शायरी कर रहा हु।
कुछ गलत लगे तो निः संदेह बोले।
चीख के फायदा नही, कलम से बात रखता हूं।©
2:-तुम हर लिवाज में जानम कमाल लगती हो।
जब खुली हो जुल्फें तो बेमिसाल लगती हो।
ज्यादा नही बस आंखों में काजल के बाद ही।
मेरी जान तुम रंगों में रंग, लाल लगती हो।©
3:-पहले भी कई गुज़रे है, उस डगर पर निकला हूँ।
मेरे दोस्त मैं मोहब्बत के सफर पर निकला हूँ।©
गर अच्छा लगे तो Follow करें।
20 साल की उम्र में शायरी कर रहा हु।
कुछ गलत लगे तो निः संदेह बोले।
Rakesh Kashyap Rajput
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